History

दिल्ली में कब से गोस्वामी रह रहे हैं , यह कहना मुश्किल है । लेकिन यह निश्चित है कि भारत की स्वतंत्रता ( सन् 1947 ) से पूर्व दशनाम गोस्वामियों का संगठन दिल्ली में विद्यमान था। सन् 1936 ई० में उस संगठन का नाम “प्रेम सभा” था जिसके अध्यक्ष श्री राम प्रसाद गिरि थे। पिछली शताब्दी में इलाहाबाद निवासी श्री महादेव गिरि शम्भु “गोस्वामी” पत्रिका चलाते थे । वे दिल्ली पधारे तो दिल्ली के गोस्वामियों में कुछ जागृति आई। सन् 1947 से लेकर सन् 1977 ई० तक का काल दिल्ली के गोस्वामी समाज के इतिहास में  “अंधकार युग” से जाना जाता है क्योंकि गोस्वामी समाज में कोई खास गतिविधियां नहीं रहीं । लोग अपने  कमाने – खाने में लगे रहे ।

पिछली शताब्दी के सातवें दशक में गोस्वामियों का ध्यान संगठन बनाने की ओर गया । आपसी वार्तालाप और मेल – मुलाकात का दौर चला । पुरानी दिल्ली में बल्लीमारान में  डॉ. रामलुभाया  गोस्वामी  ने  अपने निवास पर  गोस्वामियों की एक सभा आयोजित की जिसकी अध्यक्षता नवयुवक डॉ. गजेन्द्र गिरि ने की तथा एक गोस्वामी संगठन बनाने पर सहमति बनी ।  एक सभा यमुनापार घौंडा में हुई जिसमें भारी संख्या में गोस्वामियों ने भाग लिया । एक मीटिंग दिल्ली यूनिवर्सिटी क्षेत्र में हुई । एक मीटिंग पटेलनगर में श्री हरवीर गिरि के रमा कॉलेज में हुई । रजिस्ट्रार ऑफ सोसाइटीज़ के कार्यालय से लिखत – पढ़त शुरू की गई जिसकी जिम्मेदारी डॉ. गजेन्द्र गिरि ने संभाली । गोस्वामी संविधान बनाया गया जिसके निर्माण में डॉ. गजेन्द्र गिरि और मास्टर ब्रह्मपाल गिरि की विशेष भूमिका रही । संविधान की प्रति और पदाधिकारियों की सूची रजिस्ट्रार को भेजी गई ।  31 अक्टूबर 1977 ई० को “गोस्वामी समाज दिल्ली” का पंजीकरण हो गया जिसकी पंजीकरण संख्या 8854 थी ।  पहली केंद्रीय कार्यकारिणी अस्तित्व में आ गई जिसके 15 पदाधिकारी थे – – – [ 1 ]  श्री प्रीतम गिरि ( अध्यक्ष ) , [ 2 ] श्री चिरंजीलाल सुधाकर ( उपाध्यक्ष ) , [ 3 ] श्री शांति गिरि ( उपाध्यक्ष ) , [ 4 ] डॉ. गजेन्द्र गिरि ( महासचिव ) , [ 5 ] श्री ब्रह्मपाल गिरि ( सचिव ) , [ 6 ] श्री जय प्रकाश गोस्वामी ( प्रचार एवं संगठन सचिव ) , [ 7 ] श्री मोहन गिरि ( कोषाध्यक्ष ) , [ 8 ] डॉ. अमर सिंह गोस्वामी ( सदस्य ) , [ 9 ] श्री हरीश चंद पुरी ( सदस्य ) , [ 10 ]  श्री अतर सिंह गोस्वामी ( सदस्य ) , [ 11 ] श्री राधा कांत भारती ( सदस्य ) , [ 12 ] श्री तालेवर गिरि ( सदस्य ) , [ 13 ] श्री गंगा ऋषि वन ( सदस्य ) , [ 14 ] श्री चंद्रभान गिरि ( सदस्य ) , [ 15 ] श्री हरवीर गिरि ( सदस्य ) ।  इस कार्यकारिणी के पदाधिकारियों को ही गोस्वामी समाज दिल्ली का संस्थापक माना जाता है । अध्यक्ष श्री प्रीतम गिरि दिल्ली छोड़कर मेरठ जा बसे तो वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री चिरंजीलाल सुधाकर ने कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में 20-11-1977 से 18-06-1978 ई. तक कार्य किया । श्री मोहन गिरि ने कोषाध्यक्ष के पद से त्यागपत्र दे दिया तो उनके स्थान पर श्री हरवीर गिरि ने 26-02-1978 से 18-06-1978 ई. तक कोषाध्यक्ष का कार्यभार संभाला । प्रथम केंद्रीय कार्यकारिणी ने 31-10-1977 से 18-06-1978 ई. तक कार्य किया ।

18-061978 को गोस्वामी समाज दिल्ली के आम चुनाव हुए । पदाधिकारी बने — [ 1 ] श्री मुनि लाल भारती ( अध्यक्ष ) , [ 2 ] श्री अतर सिंह गोस्वामी ( उपाध्यक्ष ) , [ 3 ] श्री माधो गिरि ( उपाध्यक्ष ) , [ 4 ] श्री भीमपुरी ( महासचिव ) , [ 5 ] श्री राम कुमार गिरि ( सचिव ) , [ 6 ] श्री जिले सिंह गोस्वामी ( प्रचार एवं संगठन सचिव ) , [ 7 ] श्री जमुना गिरि ( कोषाध्यक्ष ) , [ 8 ] श्री राज कुमार गोस्वामी ( सदस्य ) , [ 9 ] श्री मोहन गिरि ( सदस्य ) , [ 10 ] श्री शांति गिरि ( सदस्य ) , [ 11 ] श्री सुक्खन लाल भारती ( सदस्य ) , [ 12 ] श्री मधुसूदन दत्त गिरि अर्थात एम. डी. गिरि ( सदस्य ) , [ 13 ]  श्री गंगा ऋषि वन ( सदस्य ) , [ 14 ] श्री हजारी लाल गोस्वामी ( सदस्य ) , [ 15 ] श्री नरेश गिरि ।  22-05-1979 को शांति वन ( नेहरू समाधि ) में “गोस्वामी परिवार मिलन समारोह” हुआ जिसमें 27 परिवारों ने भाग लिया। मई 1979 में गोस्वामी समाज दिल्ली ( रजिस्टर्ड ) की अधिकृत पत्रिका “गोस्वामी समाज दर्पण” शुरू हुई जिसके प्रथम सम्पादक श्री भीमपुरी थे । द्वितीय केंद्रीय कार्यकारिणी ने 18-06-1978 से 22-07-1979 ई. तक कार्य किया ।

इसके पदाधिकारी  थे – – – [ 1 ] श्री मुनि लाल भारती ( अध्यक्ष ) , [ 2 ] श्री अतर सिंह गोस्वामी ( उपाध्यक्ष ) , [ 3 ] श्री माधो गिरि ( उपाध्यक्ष ) , [ 4 ] श्री भीमपुरी ( महासचिव ) , [ 5 ] श्री मलखान गिरि ( सचिव ) , [ 6 ] श्री नरेश कुमार गोस्वामी ( प्रचार एवं संगठन सचिव ) , [ 7 ] श्री जमुना गिरि ( कोषाध्यक्ष ) , [ 8 ] श्री हरवीर गिरि ( सदस्य ) , [ 9 ] श्री भूप गिरि ( सदस्य ) , [ 10 ] श्री जय प्रकाश गोस्वामी ( सदस्य ) , [ 11 ] श्री गोपाल गिरि ( सदस्य ) , [ 12 ] श्री गंगा ऋषि वन ( सदस्य ) , [ 13 ] श्री सुभाष पुरी ( सदस्य ) , [ 14 ] श्री विष्णु गिरि ( सदस्य ) , [ 15 ] श्री तालेवर गिरि । साथ ही श्री  कृपाल गिरि गोस्वामी को समाज का हिसाब – किताब जांचने के लिए ऑडिटर बनाया गया ।  पूरे सत्र में 10 बैठकें हुईं । पत्रिका के सदस्यों की संख्या 350 तक पहुंच गई । संगठन के सदस्यों की संख्या 476 हो गई । परिवार मिलन समारोह में 200 से अधिक गोस्वामियों ने हिस्सा लिया । 81 बच्चों को पारितोषिक दिये गए । तृतीय केंद्रीय कार्यकारिणी ने 22-07-1979 से 04-05-1980 ई. तक कार्य किया ।

इसके पदाधिकारी थे – – –  [ 1 ] श्री मोहन गिरि ( अध्यक्ष ) , [ 2 ] श्री चंद्रभान गिरि ( उपाध्यक्ष ) , [ 3 ] श्री माधो गिरि ( उपाध्यक्ष ) , [ 4 ] डॉ. गजेन्द्र गिरि ( महासचिव ) , [ 5 ] श्री धर्मपाल गिरि ( सचिव ) , [ 6 ] श्री जिले सिंह गोस्वामी ( प्रचार एवं संगठन सचिव ) , [ 7 ] श्री राम कुमार गिरि ( कोषाध्यक्ष ) ,[ 8 ] श्री गोपाल गिरि ( सदस्य ) , [ 9 ] श्री जय प्रकाश गोस्वामी ( सदस्य ) , [ 10 ] श्री बाबू गिरि ( सदस्य ) , [ 11 ] श्री राधे श्याम पुरी ( सदस्य ) , [ 12 ] श्री ब्रह्म प्रकाश भारती ( सदस्य ) , [ 13 ] श्री भूप गिरि ( सदस्य ) , [ 14 ] श्री विष्णु गिरि ( सदस्य ) , [ 15 ] श्री तालेवर गिरि । डॉ. गजेन्द्र गिरि महासचिव के साथ ही पत्रिका “गोस्वामी समाज दर्पण” के सम्पादक भी बने ।  सत्र में कुल 13 बैठकें हुईं । 9 नवम्बर 1980 को खेल – कूद प्रतियोगिताएं हुईं । संगठन के सदस्यों की संख्या 478 हो गई और पत्रिका के सदस्यों की संख्या 606 हो गई । सत्र के दौरान 6330 रुपये दानस्वरूप प्राप्त हुए । चतुर्थ केंद्रीय कार्यकारिणी ने 04-05-1980 से 03-05-1981 ई. तक कार्य किया ।

इसके पदाधिकारी थे — – [ 1 ] श्री मोहन गिरि ( अध्यक्ष ) , [ 2 ] श्री शांति गिरि ( उपाध्यक्ष ) , [ 3 ] श्री माधो गिरि ( उपाध्यक्ष ) , [ 4 ] श्री भीमपुरी ( महासचिव ) , [ 5 ] श्री अशोक गिरि ( सचिव ) , [ 6 ] श्री सरदार पुरी ( प्रचार एवं संगठन सचिव ) , [ 7 ] श्री कृपाल गिरि गोस्वामी ( कोषाध्यक्ष ) , [ 8 ]   श्री मोहन पुरी ( सदस्य ) , [ 9 ] श्री धर्मवीर गिरि ( सदस्य ) , [ 10 ] श्री ब्रह्म प्रकाश भारती ( सदस्य ) , [ 12 ] श्री गोपाल गिरि ( सदस्य ) , [ 13 ] श्री विभूति गिरि ( सदस्य ) , [ 14 ] श्री गिरिवर गिरि गोस्वामी निर्मोही ( सदस्य ) , [ 15 ] श्री सुभाष पुरी ( सदस्य ) । कार्य की अधिकता को देखते हुए महासचिव और सम्पादक के पदों को अलग – अलग कर दिया गया । महासचिव श्री भीमपुरी थे और  पत्रिका के सम्पादक डॉ. गजेन्द्र गिरि बने । पंचम केंद्रीय कार्यकारिणी ने 03-1981 से 09-05-1982 ई. तक कार्य किया ।

इसके पदाधिकारी थे – – [ 1 ]  श्री बांके गिरि ( अध्यक्ष ) , [ 2 ] श्री माधो गिरि ( उपाध्यक्ष ) , [ 3 ] श्री शांति गिरि ( उपाध्यक्ष ) , [ 4 ] श्री गिरजेश गिरि (  महासचिव ) , [ 5 ] श्री गिरिवर गिरि गोस्वामी निर्मोही ( सचिव ) , [ 6 ] श्री जिले सिंह गोस्वामी ( प्रचार एवं संगठन सचिव ) , [ 7 ] श्री कृपाल गिरि गोस्वामी ( कोषाध्यक्ष ) , [ 8 ] श्री बहोरी गिरि ( सदस्य ) , [ 9 ] श्री धर्मवीर गिरि ( सदस्य ) , [ 10 ] श्री गंगा ऋषि वन ( सदस्य ) , [ 11 ] श्री गोपाल गिरि ( सदस्य ) , [ 12 ] श्री सरदार पुरी ( सदस्य ) , [ 13 ] श्री चिरंजीलाल सुधाकर ( सदस्य ) , [ 14 ] श्री कैलाश गिरि ( सदस्य ) , [ 15 ] श्री सुभाष पुरी ( सदस्य ) । साथ ही श्री जमुना गिरि और श्री विष्णु गिरि को आय-व्यय निरीक्षक ( ऑडिटर ) बनाया गया ।  पत्रिका के सम्पादक डॉ. गजेन्द्र गिरि बने । फरवरी 1982 में इलाहाबाद निवासी श्री आनंद देव गिरि द्वारा गोस्वामियों और नाथों को मिलाकर गठित  संस्था “अखिल भारतीय गोस्वामी महासभा” को सहयोग करने का निर्णय लिया गया । कार्यकारिणी और पत्रिका के सम्पादकमंडल में भारी  टकराव हो गया जिससे पत्रिका का प्रकाशन खटाई में पड़ गया । श्री बांके गिरि , श्री गिरजेश गिरि और गिरिवर गिरि गोस्वामी निर्मोही संगठन को सर्वोपरि बता रहे थे जबकि डॉ. गजेन्द्र गिरि , श्री राधा कांत भारती और तालेवर गिरि  सम्पादकमंडल को स्वतंत्र और संगठन के समकक्ष मान रहे थे । करोलबाग में श्री चोखे गिरि के निवास पर इस मुद्दे को लेकर बड़ा हंगामा हुआ । पत्रिका का प्रकाशन ठप्प पड़ गया ( सितंबर , 1982 ) ।  अखिल भारतीय गोस्वामी महासभा का राष्ट्रीय अधिवेशन नयी दिल्ली में स्थित नॉर्थ एवेन्यू के एम. पी. क्लब में हुआ जिसका खर्च गोस्वामी समाज दिल्ली ने उठाया । पत्रिका के सितम्बर , अक्टूम्बर , नवम्बर और दिसंबर 1982 के अंक प्रकाशित नहीं हो सके । अखिल भारतीय गोस्वामी महासभा को समर्थन देने पर गोस्वामी समाज दो धड़ों ( गुटों ) में बंट गया । अखिल भारतीय गोस्वामी महासभा में गोस्वामी और नाथ दोनों ही थे लेकिन कुछ लोग केवल दशनाम गोस्वामियों को लेकर ही आगे बढ़ना चाह रहे थे । टकराव का यही सबसे बड़ा कारण था । श्री शांति गिरि ने  उपाध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे दिया ( 13-01-1983 ) । श्री ओइ्म प्रकाश गिरि ने दक्षिण क्षेत्र से त्यागपत्र दे दिया ( 17-02-1983 ) । बाद में दोनों ने अपने त्यागपत्र वापस ले लिये ।  छठी केन्द्रीय कार्यकारिणी की 09-05-1982 से 15-05 1983 ई. तक अवधि रही ।

15-05-1983 को गोस्वामी समाज दिल्ली की सातवीं केंद्रीय कार्यकारिणी के आम चुनाव  हुए । पदाधिकारी बने —  – [ 1 ] इंजीनियर शांति गिरि ( अध्यक्ष ), [ 2 ] श्री हनुमान गिरि ( उपाध्यक्ष ) , [ 3 ]  श्री माधो गिरि ( उपाध्यक्ष ) , [ 4 ] श्री ओइम प्रकाश गिरि ( महासचिव )  , [ 5 ] गिरिवर गिरि गोस्वामी निर्मोही ( सचिव ) ,  [ 6 ] श्री जय प्रकाश गोस्वामी ( प्रचार एवं संगठन सचिव ) , [ 7 ] श्री तेजपाल  गिरि ( कोषाध्यक्ष ) , [ 8 ] श्री जमुना गिरि ( सदस्य ) , [ 9 ] श्री जिले सिंह गोस्वामी ( सदस्य ) , [ 10 ] श्री चिरंजीलाल सुधाकर ( सदस्य ) , [ 11 ] श्री अतर सिंह गोस्वामी ( सदस्य ) , [ 12 ] श्री ओंकार गिरि ( सदस्य ) , [ 13 ] श्री राधे श्याम पुरी ( सदस्य ) , [ 14 ] श्री सूरज पाल गिरि ( सदस्य ) , [ 15 ] श्री धर्मपाल गोस्वामी ( सदस्य ) , [ 16 ] श्री बांके गिरि ( मनोनीत सदस्य ) ।  डॉ. गजेन्द्र गिरि पत्रिका के सम्पादक बने । चुनावों में अनियमितताओं का आरोप लगाकर श्री रामलाल गिरीश ( शाहदरा क्षेत्र के अध्यक्ष , गोस्वामी समाज दिल्ली ) ने श्री शांति गिरि के नेतृत्ववाली गोस्वामी समाज दिल्ली की केन्द्रीय कार्यकारिणी पर मुकदमा कर दिया जो कि दो वर्षों तक चला ( जून / जुलाई 1983 से 15-05 1985 ) । मुकदमे के दौरान श्री ओइम प्रकाश गिरि  महासचिव पद से इस्तीफा देकर संगठन से पलायन कर गए  ऐसी हालत में गिरिवर गिरि गोस्वामी निर्मोही को सचिव के साथ-साथ महासचिव का पद भी संभालना पड़ा । दिल्ली की तीस हज़ारी कोर्ट में जज श्रीमती माकन के समक्ष उपस्थित होना पड़ता था । अनेक पेशियाँ हुईं । धन और समय की बर्बादी हुई । श्री  रामलाल गिरीश ने  अपना एक अलग संगठन भी स्थापित कर लिया था – “अखिल भारतीय दशनाम गोस्वामी समाज” जिसके सदस्य केवल दशनाम गोस्वामी हो सकते थे , नाथ इत्यादि नहीं । दिल्ली का गोस्वामी समाज दो पाटों — “अखिल भारतीय दशनाम गोस्वामी समाज” और “अखिल भारतीय गोस्वामी महासभा”  — के बीच पिसकर रह गया । गोस्वामियों ने आपस में मिलना- जुलना बंद कर दिया। समाज का काम ठप्प हो गया ।

नयी दिल्ली में  हिन्दू महासभा भवन में 14-05-1995 को आम चुनाव हुए । चुने गए पदाधिकारी थे – – [ 1 ] खलीफा राजकुमार गोस्वामी ( अध्यक्ष ) , [ 2 ] श्री शांति गिरि ( उपाध्यक्ष ) , [ 3 ] श्री सुंदर लाल गिरि ( उपाध्यक्ष ) , [ 4 ] श्री  गिरिवर गिरि गोस्वामी निर्मोही ( महासचिव ) , [ 5 ] श्री गिरजेश गिरि ( सचिव ) , [ 6 ] श्री जमुना गिरि ( प्रचार एवं संगठन सचिव ) , [ 7 ] श्री मोहन पुरी ( कोषाध्यक्ष ) , [ 8 ] श्री बहोरी गिरि ( सदस्य ) , [ 9 ] श्री अशोक गिरि ( सदस्य ) , [ 10 ] श्री रामभूल गिरि ( सदस्य ) , [ 11 ] श्री जिले सिंह गोस्वामी ( सदस्य ) , [ 12 ] श्री ऋषिपाल गिरि ( सदस्य ) , [ 13 ] श्री संजय गिरि ( सदस्य ) , [ 14 ] श्री भगवत प्रसाद पुरी ( सदस्य ) ,  [ 15 ] श्री लखमी गिरि ( सदस्य ) , [ 16 ] श्री रमेश पुरी ( सदस्य ) , [ 17 ] श्री देशराज गिरि ( सदस्य ) , [ 18 ] श्री समय सिंह गोस्वामी ( सदस्य ) , [ 19 ] श्री मुखतार गिरि ( सदस्य ) , [ 20 ] श्री विजय पाल गिरि ( सदस्य ) , [ 21 ] श्री कुंवर पाल गिरि ( सदस्य ) , [ 22 ] श्री राम अवतार गिरि ( सदस्य ) , [ 23 ] श्री प्यारे लाल भारती ( सदस्य ) । इनके अलावा तीन लेखा निरीक्षक ( ऑडिटर ) बने — 1. श्री विष्णु गिरि , 2 . श्री गंगा सागर गिरि , 3. श्री सोमदत्त वन गोस्वामी । श्री राधा कांत भारती को पत्रिका “गोस्वामी समाज दर्पण” का नया सम्पादक बनाया गया ।  हिन्दू महासभा भवन में रविवार 29-10- 1995 को “गोस्वामी परिवार मिलन समारोह” हुआ जिसमें बीकानेर के राजगुरू श्री विशोकानंद भारती , पूर्वी दिल्ली से बीजेपी सांसद श्री बैकुंठ लाल शर्मा ‘प्रेम’ , चौधरी फतह सिंह ( उपाध्यक्ष , दिल्ली विधान सभा ) , भूतपूर्व राष्ट्रपति स्व. श्री वी. वी. गिरि की पुत्रवधू श्रीमती वी. मोहिनी गिरि  , श्री लाल बिहारी तिवारी ( खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री , दिल्ली सरकार )  इत्यादि अतिथि एवं मुख्य अतिथि थे । पत्रिका “गोस्वामी समाज दर्पण” का विमोचन हुआ ।

डी. डी. ए. से गोस्वामी भवन के लिए भूखंड प्राप्त करने की पहल करनेवाले गोस्वामी समाज दिल्ली के पूर्व अध्यक्ष श्री शांति गिरि की कार दुर्घटना में मृत्यु हो जाने पर ( 07- 04- 1996 ) दिल्ली के सारे गोस्वामियों में शोक छा गया ।

एक वर्ष में 18 मीटिंगें हुईं । महासचिव गिरिवर गिरि गोस्वामी निर्मोही ने उस दौरान गोस्वामियों को 2032 पत्र प्रेषित किये जो कि एक रिकॉर्ड है । अलग – अलग मदों के लिए अलग – अलग रजिस्टर बनाये । गोस्वामी समाज के कार्यालय को बिल्कुल सरकारी कार्यालय के तर्ज  पर चलाया ।

सब कुछ खर्च करने के बाद इक्कीस हज़ार रुपये बैंक में शेष रहे । उससे पहले इतनी धनराशि समाज के खाते में कभी नहीं रही । संगठन के सदस्यों की संख्या लगभग एक हज़ार रही । पत्रिका का प्रचार – प्रसार बढ़ा ।आठवीं केंद्रीय कार्यकारणी की अवधि 14-05-1995 से 16-06-96 रही ।

16-06-1996 को  हिन्दू महासभा भवन में आम चुनाव हुए । पदाधिकारी बने – – – [ 1 ] महंत सच्चिदानन्द गिरि ( अध्यक्ष ) , [ 2 ] श्री धर्मपाल गोस्वामी ( उपाध्यक्ष ) , [ 3 ] श्री जय गंगा गिरि ( उपाध्यक्ष ) , [ 4 ] श्री गिरिवर गिरि गोस्वामी निर्मोही ( महासचिव ) ,  [ 5 ] श्री मूलचंद  गोस्वामी ( सचिव ) , [ 6 ]  श्री राजेंद्र प्रसाद गोस्वामी ( संगठन एवं प्रचार सचिव ) , [ 7 ] श्री सुंदर लाल गिरि ( कोषाध्यक्ष ) , [ 8 ] श्री गोपाल गोस्वामी ( घौंडा क्षेत्र से सदस्य ) , [ 9 ] श्री सतेंद्र पाल गिरि ( घौंडा क्षेत्र से सदस्य ) , [ 10 ] श्री धर्मपाल गोस्वामी ( घौंडा क्षेत्र से सदस्य ) , [ 11 ] श्री महेन्द्र गिरि ( घौंडा क्षेत्र से सदस्य ) , [ 12 ] श्री रमेश पुरी ( शाहदरा क्षेत्र से सदस्य ) , [ 13 ] श्री लखमी गिरि ( शाहदरा क्षेत्र से सदस्य ) , [ 14  ] श्री राजेन्द्र गिरि ( खिचड़ीपुर क्षेत्र से सदस्य ) , [ 15 ] श्री मूलचंद गिरि ( खिचड़ीपुर  क्षेत्र से सदस्य ) , [ 16 ] श्री महावन पुरी ( पश्चिमी क्षेत्र से सदस्य ) , [ 17 ] श्री काली चरण गिरि ( पश्चिमी क्षेत्र से सदस्य ) , [ 18 ] श्री अनिल गिरि ( शास्त्री नगर क्षेत्र से सदस्य ) , [ 19 ] श्री देशराज गिरि ( शास्त्री नगर क्षेत्र से सदस्य ) , [ 20 ] श्री समय सिंह गोस्वामी ( जहांगीरपुरी क्षेत्र से सदस्य ) , [ 21 ] श्री ओइ्म पाल गिरि ( जहांगीरपुरी क्षेत्र से सदस्य ) , [ 22 ] श्री विजय पाल गिरि ( दक्षिणी क्षेत्र से सदस्य ) , [ 23 ] श्री शम्भू गिरि ( दक्षिणी क्षेत्र से सदस्य ) । तीन लेखा निरीक्षक बने — – 1. श्री कृपाल गिरि गोस्वामी , 2. श्री अरुण गोस्वामी , 3 . डॉ. गजेन्द्र गिरि ।  डॉ. गजेन्द्र गिरि सम्पादक बने । इस सत्र में ऐसे कार्य हुए जो कि कीर्तिमान स्थापित कर गये जो पहले कभी नहीं हुए ।  21 अगस्त 1996 को गोस्वामी तुलसीदास की पांच सौवीं जयंती मनाई । लालकिले से रामलीला मैदान तक गोस्वामियों का सैलाब था । 21 झांकियां थीं । दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री चौधरी साहिब सिंह वर्मा ने पत्रिका “गोस्वामी समाज दर्पण” का लोकार्पण किया । दिल्ली दूरदर्शन ने कार्यक्रम को प्रसारित किया ।

अधिकारों को लेकर अध्यक्ष महंत सच्चिदानंद गिरि  और महासचिव श्री गिरिवर गिरि गोस्वामी निर्मोही में भारी टकराव हो गया । गोस्वामी समाज दिल्ली के संविधान के अनुसार संगठन में सबसे मुख्य और शक्तिशाली पद महासचिव का है । पहले जितने भी चुनाव लड़े गये वे सभी महासचिव को ध्यान में रखकर लड़े गए थे । इस पद पर बड़े काबिल लोग काबिज  रहे , जैसे — – डॉ. गजेन्द्र गिरि ,  श्री भीमपुरी , श्री गिरजेश गिरि । लेकिन महंत सच्चिदानंद गिरि ने अध्यक्ष के पद को उभारना शुरू कर दिया ।    गोस्वामी समाज पत्रिका के अक्टूबर , नवम्बर और दिसंबर 1996 के अंक नहीं निकल सके ।  समाज दो हिस्सों में बंटा नज़र आया । समाज के कुछ सुलझे गोस्वामियों ने दोनों में सुलह कराई गई । नयी व्यवस्था लागू की गई । श्री गिरिवर गिरि गोस्वामी निर्मोही  महासचिव होने के साथ – साथ पत्रिका के सम्पादक भी बनाये गये । महंत सच्चिदानन्द गिरि अध्यक्ष होने के साथ – साथ पत्रिका के प्रकाशक और वितरक भी बनाये गए । कार्यकारिणी का कार्यकाल एक वर्ष से बढ़ाकर दो वर्ष कर दिया गया । महंत और निर्मोही मिलकर समाज के कार्यों में पुनः लग गये । 23-03-1997 को नयी दिल्ली में स्थित मावलंकर हॉल ( भारतीय रिजर्व बैंक के पीछे ) में “गोस्वामी होली मिलन समारोह” हुआ जिसमें विवाह योग्य युवक – युवतियों का परिचय भी हुआ । बहुत ही शानदार कार्यक्रम था । लाखों रुपए इकट्ठा करके  गोस्वामी समाज की धर्मशाला  के लिए भूखंड खरीदा गया ( 08-08- 1997 ) जिस पर अब चार मंज़िला इमारत खड़ी हुई है ।

03-05-1998 को हिन्दू महासभा भवन में आम चुनाव हुए । पदाधिकारी बने – – [ 1 ]  श्री रूपचंद भारती ( अध्यक्ष ) , [ 2 ] श्री भीमपुरी ( महासचिव ) , [ 3] श्री हरवीर गिरि ( उपाध्यक्ष ) , [ 4 ] श्री रोहताश गिरि ( उपाध्यक्ष ) , [ 5 ] श्री कैलाश गिरि ( सचिव ) , [ 6 ] श्री सुंदर लाल गिरि ( कोषाध्यक्ष ) , [ 7 ] श्री श्रीपाल भारती ( प्रचार एवं संगठन सचिव ) , [ 8 ] श्री गोपाल गोस्वामी ( घौंडा क्षेत्र से सदस्य ) , [ 9 ] श्री सतेन्द्र पाल गिरि ( घौंडा क्षेत्र से सदस्य ) , [ 10 ] श्री धर्मपाल गोस्वामी ( घौंडा क्षेत्र से सदस्य ) , [ 11 ] श्री महेन्द्र गिरि ( घौंडा क्षेत्र से सदस्य ) , [ 12 ] श्री रमेश पुरी ( शाहदरा क्षेत्र से सदस्य ) , [ 13 ] श्री लखमी गिरि ( शाहदरा क्षेत्र से सदस्य ) , [ 14 ] श्री राजेन्द्र गिरि ( खिचड़ीपुर क्षेत्र से सदस्य ) , [ 15 ] श्री मूलचंद गिरि ( खिचड़ीपुर क्षेत्र से सदस्य ) , [ 16 ] श्री महावन पुरी ( पश्चिमी क्षेत्र से सदस्य ) , [ 17 ] श्री कालीचरण गिरि ( पश्चिमी क्षेत्र से सदस्य ) , [ 18 ] श्री अनिल गिरि ( शास्त्री नगर क्षेत्र से सदस्य ) , [ 19 ] श्री देशराज गिरि ( शास्त्री नगर क्षेत्र से सदस्य ) , [ 20 ] श्री समय सिंह गोस्वामी ( जहांगीरपुरी क्षेत्र से सदस्य ) , [  21 ] श्री ओइ्म पाल गिरि ( जहांगीरपुरी क्षेत्र से सदस्य ) , [ 22 ] श्री विजय पाल गिरि ( दक्षिणी क्षेत्र से सदस्य ) , [ 23 ] श्री शम्भू गिरि ( दक्षिणी क्षेत्र से सदस्य ) ।  पत्रिका के प्रकाशक एवं वितरक की जिम्मेदारी श्री रूप चंद भारती ने संभाली  भी जबकि श्री भीमपुरी महासचिव के साथ- साथ सम्पादक भी रहे । 25 दिसंबर 1998 को दिल्ली के शाह ऑडिटोरियम में दिल्ली सरकार का अभिनंदन किया गया । 15 जनवरी 1999 को भोलानाथ नगर में नये साल का उत्सव मनाया गया ।  11-01-2000 को श्री भीमपुरी का निधन हो गया । उनकी शोकसभा 23 जनवरी 2000 ई. को हुई ।  गिरिवर गिरि गोस्वामी निर्मोही को पत्रिका – “गोस्वामी समाज दर्पण” का  सम्पादक बनाया गया ।  श्री रमेश पुरी को नया महासचिव बनाया गया ।

महंत सच्चिदानंद गिरि अध्यक्ष , श्री मूलचन्द गोस्वामी महासचिव और महेंद्र गिरि कोषाध्यक्ष  बने ।

26 जनवरी 2009 को हिंदू महासभा भवन में आम चुनाव हुए । पदाधिकारी बने — – [ 1 ] महंत सच्चिदानन्द गिरि ( अध्यक्ष ) , [ 2 ] श्री प्रभात गोस्वामी ( उपाध्यक्ष ) , [ 3 ] श्री मूलचंद गोस्वामी ( महासचिव ) , [ 4 ] इंजीनियर विनोद गिरि ( सलाहकार ) , [ 5 ] श्री राकेश गिरि ( इंस्पेक्टर , दिल्ली पुलिस ) , [  6 ] श्री जय प्रकाश शास्त्री ( सलाहकार ) , [ 7 ] श्री महेंद्र गिरि ( सचिव ) , [ 8 ] श्री कालीचरण गिरि ( सचिव  ) ,  [ 9 ] श्री मंगतराम गोस्वामी ( सचिव  ) , [ 10 ]  श्री अनिल गोस्वामी ( सचिव ) , [ 11 ] श्री सुभाष पुरी ( सचिव ) , [ 12 ] श्री उपेंद्र पुरी ( सचिव ) , [ 13 ]  श्री धर्मेन्द्र गिरि ( सचिव ) , [ 14 ] श्री मोहिंदर गोस्वामी ( कोषाध्यक्ष ) , [ 15 ] श्री सरदार पुरी ( प्रचार एवं संगठन सचिव ) , [ 16 ] श्री सुंदर गिरि ( प्रचार एवं संगठन सचिव ) , [ 17 ] श्री दिनेश गिरि ( प्रचार एवं संगठन सचिव ) , [ 18 ] श्री रमेश गिरि ( प्रचार एवं संगठन सचिव ) , [ 19 ] श्री रवि गोस्वामी ( प्रचार एवं संगठन सचिव ) , [ 20 ] श्री ललित गोस्वामी ( प्रचार एवं संगठन सचिव ) , [ 21 ] श्री धौले पहलवान ( प्रचार एवं संगठन सचिव ) । 8 + 6 =  14 सदस्य बाद में चुने जायेंगे । तीन लेखा निरीक्षक बने – – 1. श्री कृपाल गिरि गोस्वामी , 2. श्री ज्ञान प्रकाश गिरि , 3. श्री सतेन्द्र गिरि । सात संरक्षक बनाए गए – – – 1  श्री महेश गिरि , 2. श्री एस. के. पुरी , 3.  खलीफा राज कुमार गोस्वामी , 4. डॉ. गजेन्द्र गिरि , 5. श्री रोहताश गिरि , 6. श्री जय गंगा गिरि , 7. श्री कैलाश गिरि ।

वर्षों से बंद पत्रिका को अप्रैल 2009 में पुनः शुरू किया गया । गिरिवर गिरि गोस्वामी निर्मोही को पत्रिका – “गोस्वामी समाज दर्पण” का  पुनः सम्पादक बनाया गया । चारमंजिला गोस्वामी धर्मशाला बनाई गई ।

9 मई 2010 को अखिल भारतीय स्तर पर रघुनाथ वाटिका ( बृजपुरी ) में गोस्वामी महासम्मेलन आयोजित किया गया जिसमें 18 प्रदेशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया ।

बंदियों में धार्मिकता, सद्भावना और सद्चरित्रता का संचार करने के लिए श्री विजय गोस्वामी ( जेल उप अधीक्षक ) के नेतृत्व में गोस्वामी समाज की ओर से विश्वप्रसिद्ध तिहाड़ जेल में 11-10-2010 को मां भगवती भजन संध्या का आयोजन किया गया जिसमें गणमान्य गोस्वामियों ने भाग लिया । इसी बीच समाज में एक अप्रिय घटना हो गई तत्कालीन महासचिव श्री मूलचंद गोस्वामी जी के पुत्र को एक हत्या में शामिल होने के आरोप में पुलिस ने जेल भेज दिया उसके पश्चात उनकी पुत्रवधू के पिता श्री ब्रहमपाल गिरि जी के साथ श्री मूलचन्द जी का विवाद हो गया इस विवाद को लेकर अध्यक्ष श्री सचिदानंद गिरि जी की भूमिका भी एक पक्षीय रही जिसके चलते 23-01-2011 को गोस्वामी धर्मशाला ब्रजपुरी में एक सभा का आयोजन किया गया जिसमें कार्येकारणी के18 सदस्य,4 संरक्षको  सहित सैकड़ों गोस्वामियों ने हिस्सा लिया ।इस मीटिंग में गत 10 माह में समाज की मीटिंग न होना,समाज के आय -व्यय की जानकारी न देना ,चुनाव के लिए अध्य्क्ष जी से अनुरोध इत्यlदि पर चर्चा हुई ।फोन द्वारा बात करने पर अध्य्क्ष जी ने तीन महीने के अंदर चुनाव तथा ऑडिट कराने का वादा किया परन्तु इसके विपरीत 19 मार्च 2011 को एक कार्यक्रम के दौरान हथियारों के बल पर कुछ गोस्वामी बधुओं को धर्मशाला में जाने से रुकवा दिया गया तथा समाज के कुछ लोगो पर धर्मशाला में जबर्दस्ती घुसने का मुकदमा भी दर्ज करा दिया ।इन सब कार्यो से परेशान होकर गोकलपुर छेत्र के सचिव पुष्पेन्द्र पुरी जी ने रजिस्ट्रार कार्यालय में R.T.I .लगाई जिससे समाज के सामने बहुत महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल हुई इनमे गोस्वामी धर्मशाला की G. P. A. श्री सचिदानन्द जी के नाम होना ,26 -01-2009 को चुनी हुई कार्येकारणी से अलग स्वयं की बनाई गई कार्येकारणी पाई जाना एवं मेम्बर की फर्जी  सूची की सहायता से संविधान में संशोधन विशेष रूप से पाये गए ।इन सब जानकारी के बाद 29-5-2011 को गोस्वामी नरेंद्र गिरि जी के निवास स्थान गोकुल गाँव में एक मीटिंग का आयोजन किया गया जिसमें एक गोस्वामी सघर्ष समिति बनाई गई जिसके अध्यक्ष श्री नानक चंद गिरि जी ,उपाध्यक्ष श्री ललित चकाचक जी एवं सचिव व कोषाध्यक्ष श्री पुष्पेन्द्र पुरी जी को बनाया गया। गोस्वामी सघर्ष समिति ने दिल्ली के सभी हिस्सों में  बैठकें की सभी को अवगत कराया तथा इसका हल निकालने का प्रयास किया जिसके परिणाम स्वरूप समाज के जिम्मेदार व्यक्तियो के प्रयास से श्री राजकुमार गोस्वामी जी के गोकलपुर अखाड़े में एक विशाल बैठक का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता श्री डॉ अमरसिंह जी ने की ।इस बैठक में समाज के अत्यधिक दबाव के कारण सचिदानंद गिरि जी को G. P. A. समाज को सौपनी पड़ी और  निर्णय लिया गया कि G. P. A. गोस्वामी समाज के नाम होने तक श्री राजेन्द्र प्रसाद गोस्वामी एवं डॉ गजेन्द्र गिरि जी के पास रहेगीं।कुछ समय पश्चात सचिदानंद जी ने G. P. A. वापस लेने के लिए कोर्ट में केस कर दिया ततपश्चात सघर्ष समिति ने भी केस दर्ज कराया जिसके चलते कोर्ट के आदेश के बाद 2015 में चुनाव सम्भव हो सके ।पहली सभी घटनाओं को जब पत्रिका में प्रकाशित करने का आग्रह किया गया तो जनवरी 2011 में पत्रिका को ही बंद कर दिया गया ।

डॉ. गजेन्द्र गिरि अध्यक्ष 2.श्री रविन्द्र गिरि महासचिव 3.श्री पुष्पेन्द्र पुरी कोषाध्यक्ष 4. श्री राजेन्द्र प्रसाद गोस्वामीजी,श्री रामअवतार गिरी जी  उपाध्यक्ष,श्री आकाश गिरि जी सचिव, श्री मुकेश गिरी जी संगठन सचिव,श्री ज्ञान प्रकाश गिरि जी,डॉ राजेश गिरि जी ,श्री धर्मपाल गिरि जी,श्री महावीर गिरि जी,श्री कैलाश गिरि जी,श्री महेंद्र गिरि जी,श्री जय सिंह गोस्वामी एवं श्री मुरारी गिरि जी को सदस्य के रूप में टीम में रखा गया । काफी प्रयास के पश्चात अदालत के आदेश के बाद G. P. A. को गोस्वामी समाज दिल्ली के नाम कराया जा सका। इस कार्य के लिए पूरे गोस्वामी समाज दिल्ली ने तन, मन, धन से सहयोग किया जिनमे श्री नानक चंद गोस्वामी जी,श्री पुष्पेंद्र पुरी जी,मास्टर नरेन्द्र गोस्वामी जी,श्री प्रभात गोस्वामी जी ,श्री राजकुमार गोस्वामी(खलीपा) जी,श्री ब्रहमपालगिरि जी ,श्री आकाश गोस्वामी जी,श्री रूपचंद भारती जी,श्री सरदार पुरी जी ,श्री राजेन्द्र प्रसाद गोस्वामी जी,डॉ गजेंद्र गिरि जी,श्री धर्मपाल गिरि जी ,श्री रविन्द्र गिरि जी ,श्री मुरारी गिरि जी,श्री बिसम्बर गिरि जी,श्री महावीर गिरि जी ,श्री रोहताश गिरि जी ,डॉ अमर सिंह गोस्वामी जी का विशेष योगदान रहा।इस कार्यकाल में समाज के लेखा जोखा को व्यवस्थित  रूप से  समाज के सामने रखा गया।बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए अच्छे अंक लाने वाले गोस्वामी बच्चों को पुरुस्कार दिए  गए।

पदाधिकारी बने – – – [ 1 ]  श्री नानक चंद्र गिरि ( अध्यक्ष ) , [ 2 ] श्री रविंद्र गिरि ( उपाध्यक्ष ) , [ 3 ] श्री आकाश गिरि ( उपाध्यक्ष ) , [ 4 ]  श्री पुष्पेंद्र पुरी ( महासचिव ) , [ 5 ] श्री कालीचरण गिरि ( कोषाध्यक्ष ) , [ 6 ] श्री प्रभात गोस्वामी ( सचिव ) , [ 7 ] श्री ब्रह्मपाल  गिरि ( प्रचार एवं संगठन सचिव ) , [ 8 ] श्री मुरारी गिरि ( सदस्य ) , [ 9 ] श्री सहदेव गिरि ( सदस्य ) , [ 10 ] श्री रविन्द्र कुमार गिरि ( सदस्य ) , [ 11 ] श्री नरेश गिरि ( सदस्य ) , [ 12 ] श्री संजय भारती , [ 13 ] श्री कपिल गिरि ( सदस्य ) , [ 14 ] श्री वेदपाल गिरि ( सदस्य ) , [ 15 ] श्री ललित गिरि । निम्न चौदह सम्मानित व्यक्तियों को संरक्षक बनाया गया — श्री श्रीपाल भारती , श्री रोहताश गिरि , श्री मुन्ना पहलवान ( शाहदरा ) , श्री सरदार पुरी , मास्टर नरेन्द्र गिरि , श्री धर्मपाल गिरि , श्री गिरिवर गिरि गोस्वामी निर्मोही , मास्टर धर्मपाल गिरि , श्रीमती अशोक भारती , श्री रामवीर गिरि एडवोकेट , श्री महावीर गिरि , श्री मूलचंद गोस्वामी , श्री सतवीर गिरि  तथा श्री राज कुमार गिरि ।दुःख का विषय यह रहा कि इस बार भी चुनाव कोर्ट के आदेश पर ही सम्पन्न हो सकें और पूर्व अध्यक्ष सचिदानंद जी की तरह पूर्व अध्यक्ष डॉ गजेन्द्र गिरि जी ने भी वर्तमान अध्यक्ष जी के कई बार अनुरोध करने,तथा महासचिव द्वारा नोटिस देने के बाद भी समाज की G. P.A. नही दी । वर्तमान कार्यकारिणी अपने काम किये जा रही है ।   21 जुलाई 2019 को गोस्वामी धर्मशाला में मेधावी बच्चों और समाज का नाम रौशन करनेवाले गोस्वामियों को सम्मानित किया गया। कोरोना काल में भी संगठन की गतिविधियां जारी रहीं ।गायत्री परिवार के साथ मिलकर कोरोना काल में महीनों तक लगभग कुल 35000 लोगों के लिए मुफ्त भोजन की व्यवस्था की देश के विभिन्न हिस्सों से आए हुए गोस्वामी बंधुओं के रहने एवं खाने की व्यवस्था की ।